नीम करौली बाबा के भक्तों में एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स नाम शामिल है.
गुरू की तलाश में आए थे भारत:
एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 के बीच भारत में परसिद्ध अध्यात्म दर्शन करने के लिए भारत आए थे. वह टूरिज्म के मकसद से भारत नहीं आए थे. वह अध्यात्मिक खोज में यहां आए थे जानने वाले कहते है उन्हें एक सच्चे गुरू की तलाश थी.
बाबा की कथाएं सुनते थे जॉब्सइस :
स्टीव पहले हरिद्वार पहुंचे और इसके बाद वह कैंची धाम तक पहुंच गए. यहां पहुंचकर उन्हें पता लगा कि बाबा कुछ साल पहले ही समाधि ले चुके हैं पर फिरभी उन्होंने यह कुछ दिन बीता कर अध्यात्म के बारे में जाना इस बीच स्टीव पहाड़ों में पैदल घूमने लगे. इतना ही नहीं जॉब्स नीम करोली बाबा की कथाएं सुनने के साथ ध्यान भी करने लगे. सात महीनों तक भारत में घूमने के बाद वह वापस अमेरिका लौट गए और फिर उन्होंने ऐपल कंपनी बनाई.
Apple का logo बाबा की देन:
कुछ मानने वाले तो यह भी कहते है कि स्टीव को अपनी कंपनी के लिए एप्पल के LOGO का आइडिया बाबा के आश्रम से ही मिला था. नीम करौली बाबा को फॉलो ने सेब बहुत पसंद थे यही वजह थी कि शायद स्टीव ने अपनी कंपनी के लोगों के लिए कटे हुए एप्पल को चुना.
बता दें कि 5 अक्टूबर 2011 को स्टीव जॉब्स की कैंसर से मौत हो गई. कहा जाता है कि उनकी मौत के बाद उनके तकिए के नीचे से बाबा नीम करोली का छोटा सा फोटो मिला था.
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